हमारे पूर्व प्राचार्य: शिक्षा के स्तंभ

हमारे विद्यालय की 60 वर्षों की गौरवशाली यात्रा में, हमारे पूर्व प्राचार्यों ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। उनकी मेहनत, समर्पण और दूरदृष्टि के कारण हमारा विद्यालय आज ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

  1. पहले प्राचार्य : स्वर्गीय श्री हृदयराम पाण्डेय
    कार्यकाल: 1 July 1964 – 30 June 1992

    हमारे विद्यालय की स्थापना का श्रेय स्वर्गीय श्री हृदय राम पाण्डेय को जाता है, जो न केवल हमारे पहले प्राचार्य थे, बल्कि इस विद्यालय के संस्थापक भी थे। उनका दूरदर्शी नेतृत्व, शिक्षा के प्रति समर्पण और ग्रामीण समुदाय के विकास की अटूट इच्छा शक्ति ने इस विद्यालय को एक सुदृढ़ आधार प्रदान किया। आपने इस विद्यालय की स्थापना तब की, जब शिक्षा तक पहुंच ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कठिन थी। उनकी पहल ने न केवल इस क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाया, बल्कि शिक्षा के महत्व को भी स्थापित किया। आपका योगदान आज भी हमें प्रेरणा देता है और आपका समर्पण और परिश्रम इस विद्यालय की हर ईंट में झलकता है। उनकी शिक्षा की ज्योति आज भी हजारों बच्चों के जीवन को रोशन कर रही है।

हम उनके प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करते हैं और उनकी स्मृति को नमन करते हैं। उनके द्वारा शुरू की गई इस यात्रा को हम आने वाली पीढ़ियों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

2. दूसरे  प्राचार्य : स्वर्गीय श्री शिव कुमार ओझा 
कार्यकाल: 1 July 1992 – 30 June 2002

आपने  हमारे विद्यालय में दूसरे प्राचार्य के रूप में 10 साल तक अपनी सेवाएँ दीं। आपका  नेतृत्व और शिक्षा के प्रति समर्पण विद्यालय की प्रगति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। आपने विद्यालय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग किया।

3. तीसरे प्राचार्य : श्री राकेश कुमार पाण्डेय
कार्यकाल: 1 July 2002 – 31 March 2023

आपने अपने कार्यकाल के दौरान विद्यालय के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया। उन्होंने न केवल भौतिक संरचना को सुदृढ़ किया, बल्कि विद्यालय के समग्र विकास के लिए भी कई महत्वपूर्ण पहल कीं। उनके नेतृत्व में विद्यालय में नए कक्षाओं का निर्माण, स्वच्छ शौचालयों की व्यवस्था, खेल मैदान का विकास, सुंदर बगीचों की स्थापना और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों की स्थापना जैसे कई अहम कार्य किए गए। उनके कार्यकाल में विद्यालय ने राज्य स्तरीय खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसने छात्रों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का बड़ा मंच प्रदान किया और विद्यालय की प्रतिष्ठा को बढ़ाया।

शैक्षणिक क्षेत्र में भी उनके प्रयासों ने विद्यालय को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया, जिससे परिणामों में निरंतर सुधार हुआ और विद्यालय का नाम अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों में शामिल हुआ। उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व कौशल और समर्पण ने विद्यालय को एक सशक्त शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थान के रूप में स्थापित किया। उनके योगदान को सदा याद किया जाएगा और वे हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। उनके प्रति हमारी गहरी कृतज्ञता और सम्मान है।

4. चौथे और वर्तमान में प्राचार्य : श्री संजीव कुमार चतुर्वेदी  
कार्यकाल: 1 April 2023 – मौजूदा समय तक

हमारे वर्तमान प्राचार्य श्री संजीव जी ने हाल ही में विद्यालय के प्राचार्य के रूप में कार्यभार संभाला है और अपने समर्पित प्रयासों से विद्यालय को नई दिशा में ले जा रहे हैं। वे विद्यालय प्रबंधन की रणनीति और दृष्टिकोण के साथ पूरी तरह से जुड़े हुए हैं और उसे साकार करने के लिए शिक्षकों और छात्रों के साथ टीम के रूप में कार्य करते हैं। उनका सहयोगी और संवेदनशील स्वभाव सभी के लिए प्रेरणादायक है, और वे प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान करते हैं।

आप नयी सोच के पक्षधर हैं और नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए कई रचनात्मक विचार लेकर आए हैं। उनका मुख्य ध्यान छात्रों के सर्वांगीण विकास पर है। वे न केवल शैक्षणिक प्रदर्शन को प्राथमिकता देते हैं, बल्कि अनुशासन, उपस्थिति, खेल-कूद, सांस्कृतिक गतिविधियों, अतिरिक्त कक्षाओं, पुस्तकालय, कॉमन रूम और प्रयोगशालाओं जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी विशेष जोर देते हैं।

उनकी नेतृत्व शैली प्रेरणादायक और समन्वयपूर्ण है। उन्होंने विद्यालय में एक सकारात्मक वातावरण स्थापित किया है, जहां छात्र और शिक्षक एक साथ मिलकर विद्यालय की प्रगति में योगदान दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में, विद्यालय अपने मूल्यों और उद्देश्यों की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है। हम आपके प्रयासों की सराहना करते हैं और उनके मार्गदर्शन में विद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की आशा करते हैं।